भोलानाथ साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन

भोलानाथ साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पुस्तक विमोचन 

            कवियों ने श्रोताओं को किया भाव विभोर

जयपुर। भोलानाथ साहित्य अकादमी के बैनर तले एक भव्य काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता ललिता भोला ने की। यह कार्यक्रम उनके स्वर्गीय पिता की स्मृति में आयोजित हुआ, जिसमें उनकी नई पुस्तक 'शब्द पुष्प' का विमोचन किया गया। साथ ही, मंच की उपाध्यक्ष सत्यरूपा तिवारी व पंडित श्याम बिहारी शर्मा की पुस्तक का भी विमोचन हुआ।

अध्यक्ष ललिता भोला ने अपने वक्तव्य में कहा, "मैं उन सभी कवियों और कवयित्रियों की आभारी हूं जिन्होंने मेरे पिता की स्मृति में अपने शब्द पुष्प अर्पित किए।" उन्होंने विशेष रूप से भोलेनाथ साहित्यिक अकादमी के सचिव जे पी शर्मा और उपाध्यक्ष सत्यरूपा तिवारी का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का संचालन ममता मंजुला और नम्रता शर्मा ने किया, जिनकी उत्कृष्ट एंकरिंग ने समां बांध दिया। शिमला द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने साक्षात मां शारदे को मंच पर बुला लिया। बाल कवि प्रियांशी अग्रवाल ने अपने पिता पर भावुक कविता प्रस्तुत की, जबकि रिद्धि दाधीच ने गणेश वंदना पर आकर्षक कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथियों ने इसे और भी गरिमा प्रदान की। नोएडा से पधारे गीतकार प्रमोद मिश्र, मैनपुरी से कवि विनोद माहेश्वरी , आशा माहेश्वरी व दिवांसी माहेश्वरी की मधुर आवाज ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

हास्य कवि अनुराग प्रेमी (दौसा), शायर साक्षात भसीन (दिल्ली करोल बाग), और कवियत्री उर्मिला पांडे (मैनपुरी) अजमेर से माया शर्मा ने भी अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से कार्यक्रम को रंगीन बना दिया। उर्मिला पांडे की हास्य कविता 'पागल वाली' ने श्रोताओं को खूब हंसाया। एडवोकेट पवन मल्होत्रा (दिल्ली) और कंचन ने भी अपनी प्रभावी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। मध्य प्रदेश के कटनी से पधारे सुनील यादव अपने परिवार सहित कार्यक्रम में शामिल हुए और अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। भरत योगी (चौमू) ने अपनी कविताओं से पनघट की याद दिलाई, जबकि डॉक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित की भावुक कविता ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। गोपाल लखन द्वारा प्रस्तुत रचना में महिलाओं को समाज में फैली भ्रांतियों से बचने की प्रेरणा दी गई।

कार्यक्रम में कन्हैया लाल भ्रमर, सुभाष चन्द्र शर्मा, गोविन्द भारद्वाज, और गोपाल लखन सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी, जिससे आयोजन की महत्ता और बढ़ गई।

जयपुर से आये रचनाकारों ने भी कार्यक्रम में अपनी छाप छोड़ी। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चला, जिसमें कवियों ने अपनी मनमोहक रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। इस भव्य आयोजन ने साहित्यिक जगत में एक अनूठी छाप छोड़ी। कार्यक्रम के अंत में सभी को रचनाकारों को सम्मानपत्र , स्मृतिचिन्ह  शॉल उढ़ाकर कर सम्मानित किया तथा मंच की ओर से सभी  उपस्थित लोगों धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।

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