राजस्थान को 3 वर्षो में जल समस्या मुक्त करने का प्रस्ताव
राजस्थान को 3 वर्षो में जल समस्या मुक्त करने का प्रस्ताव
जयपुर। पिछले 32 वर्षों से विश्व की जल समस्या के निदान पर शोध कर रहे यूनिवर्सल लॉर्ड ऑफ साइंटिस्ट श्याम सुंदर राठी ने मानव जाति को जल समस्या से मुक्त करने के लिए मल्टी स्टोरेज डिस्टांस टैंक (एमएसडी) टेक्नोलॉजी प्रदान की है। एम एस डी टैंक टेक्नोलॉजी जल भंडारण करने के लिए विश्वव्यापी बाँधो का स्थान लेगी। इस टेक्नॉलोजी के तहत पानी भंडारण के लिए खेळी के आकार वाली भीमकाय टंकियों में वर्षाऋतु के समय नदी नालों के पानी को स्टोर करने की व्यवस्था है। जल वैज्ञानिक राठी ने बांधों पर भी लंबा शोध किया है, उन्होंने बांध परियोजना की कार्य कुशलता का टेस्ट किया तो बड़े दुखद परिणाम आए। बांध का 99% पानी व्यर्थ चला जाता है और 1% से कम पानी हमें मिल रहा है। बाँध जल खत्म करने और प्रकृति से मिलने वाले पानी को मानव जाति से छीनने वाली मशीनरी है। बाँध हमारा पानी खत्म कर देती है इसलिए पानी की कमी के चलते भू-गर्भ से नलकूप और ट्यूबवैल के द्वारा पानी निकाल कर जैसे तैसे जीवन यापन कर रहे हैं जिससे भू-गर्भ में पानी का स्तर घट रहा है। भू-गर्भ के पानी का स्तर घटने से पेड़पौधों की ग्रोथ बहुत ही कम हो रही हैं एवं बड़ी मात्रा में पेड़-पौधे मर रहे हैं। इस कारण पर्यावरण जनित सैकड़ों समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जो मानव जाति के लिए घातक साबित हो रही हैं। राठी ने राजस्थान में जल समस्या पर 3 वर्षों के लंबे शोध के दौरान राजस्थान में पानी की आवश्यकता का सठीक आकलन किया। प्राप्त तथ्यों के अनुसार राजस्थान को पीने के पानी, कृषि भूमि को 100 प्रतिशत जल सेचन की सुविधा, हॉस्पिटालिटी, औद्योगिकी एवं अन्य कार्यो के लिए 18Km³ पानी की वार्षिक आवश्यकता होगी। 20 प्रतिशत अतिरिक्त जल भंडारण के साथ सरकार को 22 Km³ पानी स्टोर करने की व्यवस्था करनी चाहिए। इसका रोडमैप उन्होंने सरकार को दिये गए प्रोजेक्ट प्रपोजल में तैयार करके दिया है। राजस्थान को जल समस्या मुक्त करने के लिए मल्टी स्टोरेज डिस्टांस टैंक (एमएसडी टैंक टेक्नोलॉली) बहुत उपयोगी साबित होगी। 1000 यूनिट एमएसडी टैंक पानी भंडारण के साथ राजस्थान की जनता को सदैव के लिए पानीय जल की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी है। जब भंडारण क्षमता 5,000 भीमकाय टंकियों की हो जाएगी तब राजस्थान को पानीय जल के साथ साथ 100 प्रतिशत जल सेचित कृषि भूमि की सुविधा एवं बेहतर हॉस्पिटालिटी सुविधा मिलने लगेगी। 9,000 यूनिट एमएसडी टैंक के साथ उद्योगों के लिए पानी की आपूर्ति व्यवस्था दुनिया की बेहतरीन व्यवस्था हो जाएगी। 11,000 यूनिट एमएसडी टैंक भंडारण क्षमता के साथ राजस्थान की जल भंडारण व्यवस्था विश्व की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था बन जाएगी। अगर राजस्थान सरकार इस दिशा में काम करेगी तो राजस्थान जल की समस्या से उबरने का देश ही नहीं अपितु विश्व के सामने एक बड़ा उदाहरण पेश कर सकता है।
*राजस्थान की मौजूदा जल स्थिति*
राजस्थान में धरातल पर अभी 700 डैम काम कर रहे हैं और वर्षाऋतु में इन बाँधो में 60Km³ जल संग्रह हो रहा है। इन बाँधो के कुत्रिम जलासयो में नदियों के प्रवाह के कारण साल भर पानी भर्ती होने की प्रक्रिया जारी रहती है। इस तरह इन बाँधो के जरिए 200Km³ पानी राजस्थान को मिल रहा है। यह पानी राजस्थान की वार्षिक जल आवश्यकता 18Km³ से लगभग 11 गुना अधिक है। बाँधो में समुद्र के आकार का संग्रह किया गया पानी जनता के उपयोग के लिए नहीं बल्कि खत्म करने के लिए रखा जाता है। जल संसाधन विभाग जनता के पैसों से जनता को पानी देने के नाम पर बाँध बना कर प्रकृति से मिलने वाले पानी को मानव जाति से छीनने का काम कर रही है। जल संसाधन विभाग का काम प्रकृति से मिलने वाले पानी को जनता के लिए सुरक्षित भंडारण कर के रखना और आवश्यकता के अनुसार जनता को पानी उपलब्ध कराना है मगर जल संसाधन विभाग जनता से पानी छीनने का काम कर रही है। हम करोड़ों एकड़ जमीन एवं खरबों खबर पेड़पौधों की बलि चढ़ाकर कल्पनातीत धनराशि खर्च कर प्रकृति से मिलने वाले पानी को खत्म कर पानी की बूँद बूँद के मोहताज हो गए हैं और पेड़पौधों का पानी छीन कर किसी भी तरह से अपना गुजर बसर कर रहे हैं। विज्ञानयुग में इससे बड़ी मूर्खता एवं विडम्बना ओर कोई नहीं हो सकती।
बाँध योजना पानी को खत्म करने की मशीनरी: श्याम सुंदर राठी
राठी ने बताया कि 5000 वर्षो से चली आ रही बाँध योजना पानी को खत्म करने की मशीनरी है। यह योजना प्रकृति से मिलने वाले पानी को खत्म करने का काम करती है मगर अज्ञानतावश मानव जाति बाँध योजना को जल भंडारण की व्यवस्था मान बैठी है। बाँध योजना के माध्यम से संग्रह होने वाले पानी से लगभग 99 प्रतिशत पानी बाँधो में खत्म हो जाता है और हम लोगों को मात्र आधा प्रतिशत पानी प्राप्त होता है। यही विश्व की जल समस्या का एकमात्र कारण है। आज भी हम विश्व के लिए आवश्यक पानी से 2,500 से 3,000 गुना पानी समुद्र में फेंक रहे हैं फिर भी पूरा विश्व जल समस्या से जूझ रहा है इसका एकमात्र उपयुक्त जल भंडारण व्यवस्था नहीं है। बाढ़ एवं सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा से विश्व की एक बड़ी आबादी दुखी है और इनसे होने वाले नुकसानों का आकलन करना नामुमकिन है। इन दोनों समस्याओं का कारण भी जल भंडारण व्यवस्था का अति निम्न मान की होना है नहीं तो बाढ़ के अतिरिक्त पानी को स्टोर कर के मानव जाति को बाढ़ एवं सूखे से मुक्ति मिल गई होती और हम बहुत बड़े नुकसान से बच जाते। क्योंकि बाँध योजना जल खत्म करने की प्रणाली है और समय उपयोगी नहीं है इसलिए हम पर्याप्त मात्रा में पनबिजली भी उत्पादन नहीं कर सकते एवं कार्बन फॉसिल जला कर बिजली उत्पादन कर के पर्यावरण जनित समस्याओं से जूझ रहे हैं। जल वैज्ञानिक राठी ने जल संसाधन विभाग को अपने शोध के आधार पर विज्ञानयुग के अनुसार काम करने की सलाह दी। उन्होंने जल संसाधन विभाग की कार्यशैली को निराशपूर्ण बताते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग पानी को तरल पदार्थ की मान्यता नहीं देता और पानी को जमीन पर खुले आसमान के नीचे रखने की गलती कर रहा है, जिससे रखा गया 99 प्रतिशत पानी खत्म हो जाता है। इसलिए हमें आधुनिक विज्ञान के सहयोग से वैज्ञानिक विधि से पर्याप्त जल भंडारण करना पड़ेगा नहीं तो दिनों दिन मानव सभ्यता का अन्त निकटतर होता जा रहा है। मानव जाति को बचाने एवं सैंकड़ों समस्याओं से मुक्त करने के लिए ही मैंने राजस्थान को 3 वर्षो में पानीय जल समस्या मुक्त करने एवं 5 वर्षो में 100 प्रतिशत जल सेचन सुविधा के लिए ह प्रोजेक्ट प्लान बनाया है जिससे हमारे देश सहित सम्पूर्ण विश्व इन समस्याओं से मुक्त हो जाए।
आदि मानव युग में वैज्ञानिकों द्वारा सच्चाई बताने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। आज हम विज्ञानयुग में हैं मगर आदिमानव युग में जिन्दा रहने वाला जल संसाधन विभाग विज्ञान एवं वैज्ञानिकों की शोध एवं उनके अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता। इस देश को मानव जाति के भाग्यविधाता विश्व के सर्वकालीन महानतम वैज्ञानिक पर गर्व करना चाहिए मगर जल संसाधन विभाग आज भी आदिमानव युग से बाहर नहीं निकल पाया इसलिए देश को सच्चाई कौन बताएगा।
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