2 करोड़ रुपए रिश्वत की मांग
2 करोड़ रुपए रिश्वत की मांग
आरोपी महिला एडिशनल एसपी हिरासत में,
एसीबी का पांच ठिकानों पर छापा
अजमेर। 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान करने के मामले में जयपुर एसीबी की टीम ने अजमेर में एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के घर तलाशी की। मित्तल पर एनडीपीएस (नशे की तस्करी) के मामले में दलाल के जरिए डरा धमका कर रिश्वत मांगने का आरोप है। दिव्या मित्तल को हिरासत में भी ले लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। एसीबी इस मामले में कुल 5 जगह कार्रवाई कर रही है।
वहीं, इस कार्रवाई पर दिव्या मित्तल का कहना है कि यह उन्हें ड्रग माफियाओं को ट्रेक करने का इनाम मिला है। उन्होंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है। जयपुर एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह ने बताया कि एसीबी मुख्यालय जयपुर में पिछले दिनों एक केस दर्ज हुआ था। इसमें शिकायतकर्ता ने कहा था उसके निर्दोष होते हुए उसका नाम मामले में नहीं करने की एवज में दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।
दिव्या ने कहा था- दलाल का फोन आएगा
शिकायतकर्ता ने एसीबी से कहा था कि एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल ने मुझसे कहा था कि तुम्हारे पास दलाल का फोन आएगा। इसके बाद दलाल का मेरे पास फोन आया। मुझे उदयपुर बुलाया गया। वहां दिव्या मित्तल के रिसॉर्ट और फॉर्म हाउस में दलाल ने डरा-धमका कर दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। इसके बाद ही उसने एसीबी को शिकायत की है।
दलाल पैसे लेने आया था, लेकिन नहीं हो पाई कार्रवाई
एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद वेरिफिकेशन करवाया गया। दलाल पैसे लेने के लिए आ भी गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। सोमवार को कोर्ट से वारंट लेकर 5 स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है।
उदयपुर में दिव्या मित्तल का रिसोर्टअजमेर, उदयपुर, झुंझुनूं और जयपुर के ठिकानों पर छापा
शिकायतकर्ता ने बताया कि दिव्या मित्तल के लिए पहली किश्त के तौर पर 25 लाख रुपए दलाल को देने गया था, मगर वह शक होने के कारण फरार हो गया। इस प्रकार एसीबी ने उसे रंगे हाथों पकड़ने के लिए जो जाल बिछा रखा था, वह नाकामयाब हो गया।
एसीबी को घूस की डिमांड की बात सही होने की जानकारी मिली तो कोर्ट के आदेश से सर्च वारंट जारी करवाया। इसके बाद दिव्या मित्तल के सभी ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। अजमेर में जयपुर रोड पर स्थित एआरजी सोसायटी में दिव्या के फ्लेट में खुद दिव्या के सामने सर्च कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अजमेर के अलावा जयपुर, उदयपुर और झुंझुनूं में 5 जगहों पर छापा चल रहा है।
दिव्या का पुलिस पर ड्रग माफियाओं से मिले होने का आरोप
इस कार्रवाई के दौरान दिव्या मित्तल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ड्रग माफियाओं को ट्रेक करने का इनाम मिला है। मैंने कोई रिश्वत नहीं मांगी है। अगर मैंने रिश्वत मांगी होती तो मैं यहां नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि यह सब ड्रग माफियाओं का रैकेट है, ताकि उनके पास से फाइल हट जाए, क्योंकि मैं उन्हें लगातार ट्रेक कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अजमेर जिला पुलिस के कई अधिकारी इसमें मिले हुए हैं।
अजमेर में एआरजी सोसाइटी में दिव्या मित्तल का फ्लैटपकड़ी गई थी 16 करोड़ से ज्यादा की नशीली दवा
उल्लेखनीय है कि मई 2021 में अजमेर पुलिस ने कुल 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की नशीली दवाइयां पकड़ी थीं। इसमें जयपुर में 5.5 करोड़ और अजमेर में दो बार कार्रवाई कर 11 करोड़ की दवाइयां जब्त की जा चुकी हैं। ये सभी दवाइयां विभिन्न ब्रांड की थीं, लेकिन अधिकांश में साल्ट ट्रामोडोल है।
ये कार्रवाई की थी
•23 मई 2021 को जयपुर की विश्वकर्मा पुलिस ने ट्रांसपोर्ट कम्पनी के पास एक टेम्पो को पकड़ा था। इसमें मोहम्मद ताहिर को गिरफ्तार किया गया। इस टेम्पो में करीब 5 करोड़ की दवाइयां थीं।
•24 मई 2021 को अजमेर के रामगंज के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक गोदाम में छापेमारी कर 114 कार्टन नशीली दवाएं बरामद की थीं। इनकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए बताई गई थी।
•1 जून 2021 को रामगंज व अलवर गेट थाना पुलिस ने करीब 5 करोड़ 53 लाख रुपए कीमत की अवैध दवाओं के 110 कार्टन बरामद किए थे। इसमें 35 लाख टेबलेट, इंजेक्शन और सिरप थे।
मामले में पुलिसवालों पर हुई थी कार्रवाई
नशीली दवाओं के मामले की जांच में कोताही बरतने पर अजमेर जिला पुलिस के तत्कालीन डीएसपी मुकेश सोनी, क्लॉक टावर थानाधिकारी दिनेश कुमावत, एसओजी के इंस्पेक्टर भूराराम खिलेरी को रेंज से बाहर कर दिया था। इन पर आरोपियों को बचाने का आरोप था। तत्कालीन डीजीपी ने कोर्ट के आदेश के बाद तीनों को रेंज से बाहर कर दिया था।
4 जनवरी को मिली थी शिकायत
एसीबी के एडीजी दिनेश एम एन ने बताया कि 4 जनवरी को शिकायतकर्ता उनके पास आया था। उसने बताया था कि उसकी हरिद्वार में दवा बनाने की एक कम्पनी है। उससे दलाल के जरिए 2 करोड़ रुपए रिश्वत की डिमांड की गई थी। एसीबी ने इस सम्बंध में अपनी यूनिट को तैयार कर लिया। 12 जनवरी को एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ट्रेप की कार्रवाई करने के लिए जयपुर से रवाना हुए। इस दौरान शिकायतकर्ता एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के पास पहुंचा। वह फिर 50 लाख रुपए लेने के लिए राजी हो गईं। इसमें 25 लाख काम से पहले और 25 लाख काम के बाद देने की बात तय हुई। मगर आरोपी दलाल ने पैसा नहीं लिया, इससे ट्रेप की कार्रवाई फेल हो गई।
इस पर डिप्टी एसपी मांगीलाल को इस मामले की जांच दी गई। मांगीलाल ने कोर्ट से इस सम्बन्ध में सर्च करने की परमिशन मांगी। सर्च की कार्रवाई रविवार को ही शुरू कर दी गई थी। अब एडिशनल एसपी दिव्या को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हो गई है।
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