प्रकाश पुरब गुरू गोबिंद सिंह जी हर्षोल्लास से मनाया
प्रकाश पुरब गुरू गोबिंद सिंह जी हर्षोल्लास से मनाया
जयपुर । सिक्ख धर्म के दसवें गुरू, सरबंसदानी, साहिबे कमाल, दशमेश पिता, खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पुरब हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धन धन श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाशोत्सव (29 दिसम्बर) गुरुद्वारा हीदा में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर 28 दिसम्बर को सुबह 10.30 बजे अखंड पाठ साहिब की आरंभता की गई।
29 दिसम्बर को रात को कीर्तन दीवान सजाया गया जिसमें भाई संतोख सिंह, जालन्धर वाले रात 10.00 से 11.00 बजे तक उसके उपरांत भाई किशोरजीत सिंह, हजुरी रागी गुरुद्वारा हीदा की मोरी कीर्तन किया।
30 दिसम्बर को सुबह 10.30 बजे अखंड पाठ साहिब का भोग उपरांत कीर्तन दीवान सजाया गया। कीर्तन दीवान में भाई किशोरजीत सिंह ने "राजन के राजा महाराजन के महाराजा" एवं "नासरो मंसूर गुरु गोबिंद सिंह" शबद का गायन कर संगत को निहाल किया। दोपहर 1.00 बजे समाप्ति के बाद अतुट लंगर वरताया गया।
गुरुद्वारा वैशाली नगर में 29 दिसम्बर को 3 दिन से चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब की समाप्ति की गई। सुबह आसा दी वार का उसके उपरांत कीर्तन दीवान सजाया गया। जिसमें भाई संतोख सिंह जालन्धर वाले, भाई गुरमेल सिंह, हजुरी रागी बंगला साहिब दिल्ली और भाई सुखजिंदर सिंह, हजुरी रागी गुरुद्वारा वैशाली नगर वाले अपने कीर्तन से संगत के बाद अतुट लंगर वरताया गया। रात को आतिशबाजी भी की गई।
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