नवजात के साथ दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास
केस ऑफिसर प्रकरण
नवजात के साथ दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास
अलवर पुलिस ने 72 घण्टे के अन्दर चालान पेश किया,
गवाह व साक्ष्य पेश कर 05 पेशियों में दिलाई दुष्कर्मी को सजा
अलवर 20 सितम्बर। 14 महीने की नवजात बालिका से दुष्कर्म करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी अधेड़ को आजीवन कारावास की सजा व 20 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। जघन्य अपराध की श्रेणी के इस प्रकरण में विशेष पैरवी हेतु केस ऑफिसर स्कीम में लिया जाकर महिला थाने की एएसआई कुसुम नरुका को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया। ट्रायल के दौरान 5 पेशियों में लोक अभियोजक रोशनदीन ने गवाह व साक्ष्य पेश कर प्रभावी पैरवी की। जिसके फलस्वरूप विशिष्ठ न्यायाधीश पोक्सो अलवर अनूप कुमार पाठक द्वारा अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अलवर एसपी तेजस्वनी गौतम ने बताया कि गांव निहाम का बास थाना सीकरी भरतपुर निवासी आरोपी पूरण खाती (50) अलवर जिले के थाना एनईबी क्षेत्र में किराये के मकान में पीड़ित के पड़ोस में रहता था। पिछले साल 20 सितंबर 2020 को खिलाने के बहाने बच्ची को अपने कमरे में ले गया। थोड़ी देर बाद जब बच्ची की मां लेने गई तो आरोपी पूरण खाती उसकी बच्ची के साथ अनैतिक कार्य करता मिला। उसी रात बच्ची की मां की रिपोर्ट पर आईपीसी,पोक्सो एक्ट एवं एससीएसटी में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान तत्कालीन वृताधिकारी दक्षिण दीपक कुमार शर्मा को सुपुर्द की गई।। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए एएसपी सरिता सिंह एवं एएसपी महिला अनुसंधान सैल रामेश्वर प्रसाद तथा थानाधिकारी महिला थाना चौथ मल के निर्देशन में एएसआई कुसुम नरूका को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया था।
दौराने अनुसंधान मुल्जिम पूरण खाती को दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर 23 सितम्बर को चालान माननीय विशिष्ठ न्यायालय पोक्सो 01 अलवर में पेश किया गया। प्रकरण को पोक्सो एक्ट जैसे गम्भीर अपराध की श्रेणी में आने पर केस ऑफिसर स्कीम के तहत चयनित किया गया। जिसमें केस आई ओ द्वारा 05 पेशियो में ही व्यक्तिगत पैरवी कर मुल्जिम पूरण खाती को दोषी सिद्ध करवाया। पीडिता को पीडित प्रतिकार दिलाने की लीगल एड अलवर को अनुशंषा की गई है।
एसपी तेजस्वनी गौतम ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चियों के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों के प्रति अलवर पुलिस संवेदनशील है। पूर्व में भी 6 ऐसे केसों में 24 से 72 घण्टे में आरोपी गिरफ्तार किये जाकर 2 से 5 दिन में न्यायालय में चालान पेश किये गये है। इन केसों में भी केस ऑफिसर नियुक्त कर इनकी विशेष पैरवी की जाकर शीघ्र सजा दिलाने की कार्यवाही की जा रही है।
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