जलदाय विभाग के लेखाधिकारी की करतूत में पत्नी - पुत्र फंसे
जलदाय विभाग के लेखाधिकारी की करतूत में पत्नी - पुत्र फंसे
जयपुर । राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक लेखाधिकारी के लोभ व गैर कानूनी करतूत से उसकी पत्नी व पुत्र फंस गए है। विभाग के इंजीनियरों की काली करतूत पर पर्दा डालने के एवज में ठेकेदार फर्म को काम दिलाने का खुल्ले खेल का जब खुलासा हुआ तो अधीक्षण अभियंता जयपुर जिला वृत ने बजाजनगर पुलिस थाने में परिवाद दर्ज करवाने की रिपोर्ट दे दी।
यह दी है थाने में परिवाद:
मैसर्स हिमांशु एंटरप्राइजेज (मानसरोवर) विभाग में सी-क्लास कॉन्ट्रेक्टर है। जिसमें पार्टनर संगीता शर्मा व हिमांशु शर्मा विभाग के एडिशनल चीफ इंजीनियर कार्यालय में सहायक लेखाधिकारी रामअवतार शर्मा के पत्नी व पुत्र है। जबकि फर्म के पार्टनर ने शपथ पत्र दिया था कि विभाग में किसी वृत व वृत के अधीन मेरा कोई निकट संबंधी किसी पद पर कार्यरत नहीं है। गलत शपथ पत्र देने पर पुलिस कार्यवाही की मांग की है।
यह है कहानी :
जलदाय विभाग के गांधीनगर रीजन कार्यालय में सहायक लेखाधिकारी रामअवतार शर्मा की पोस्टिंग है। टेंडर, पेमेंट, वर्कऑर्डर समेत कई काम की फाइलें इनके हस्ताक्षर से आगे-पीछे होती है। सहायक लेखाधिकारी शर्मा जब फाइलों में अडंगा लगाने लगे तो जलदाय विभाग के कुछ अफसरों ने उन्हे लोभ-लालच दिया और ऊपरी आय के लिए एक नंबर में ठेकेदारी फर्म बना कर करोड़ों कमाने की तरकीब बताई। अपने पेन की ताकत के अहंकार में सहायक लेखाधिकारी शर्मा ने अपने परिजनों के नाम से फर्म का रजिस्ट्रेशन करवा लिया। रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए अधिशाषी अभियन्ता जितेंद्र शर्मा ने उन्हे ऑफलाइन टेंडर में लाखों रुपए के काम भी दिए। लाखों कमाने के बाद लोभ बढ़ता गया और 31 मार्च 2020 को अधीक्षण अभियंता आनंद प्रकाश मीना से सी क्लास कॉन्ट्रेक्टर में रजिस्ट्रेशन करवा लिया।
वहीं रातों रात करोड़पति बनने के लिए सहायक लेखाधिकारी आंखे मूंद कर बड़े इंजीनियरों की फाइलों पर हस्ताक्षर करने लगा, ताकि उनकी कृपा से पत्नी-पुत्र की फर्म मैसर्स हिमांशु एंटरप्राइजेज को ज्यादा से ज्यादा काम व पेमेंट मिले। इसके लिए टेंडर, वर्कऑर्डर व कई जांचों में नियमों के विपरित जाकर काम किया गया।
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