पत्रकार अभिषेक सोनी हत्याकांड:तीसरा आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढा
पत्रकार अभिषेक सोनी हत्याकांड:तीसरा आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढा खलासी बनकर राजस्थान से बाहर काट रहा था फरारी, एक महीने बाद घर लौटा तो पकड़ा गया
- 9 दिसंबर को मानसरोवर में गोपालपुरा बाईपास पर नारायण विहार रोड पर हुई थी हत्या
- वारदात में एक आरोपी और नाबालिग पहले ही पकड़े जा चुके है, कानाराम था फरार
जयपुर कमिश्नरेट में डीसीपी (साउथ) हरेंद्र महावर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कानाराम चौधरी (22) गांव चोरु, थाना फागी जयपुर जिले का रहने वाला है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि वारदात में शामिल नामजद आरोपी शंकर चौधरी को 17 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इससे कानाराम घबरा गया। वह गांव से भागकर अजमेर रोड पहुंचा। वहां हाइवे से गुजर रहे एक ट्रक चालक के संपर्क में आया। तब कानाराम ने ट्रक ड्राइवर से कहा कि वह गरीब परिवार से है। मां-बाप ने उसे घर से बाहर निकाल दिया है। इसलिए काम की तलाश में घूम रहा हूं।
ट्रक चालक ने सहानुभूति दिखाते हुए खलासी का काम सौंप दिया
जानकारी के अनुसार ट्रक चालक ने सहानुभूति दिखाते हुए कानाराम को ट्रक में खलासी रख लिया। तब से कानाराम ट्रक में खलासी का काम कर रहा था। वह राजस्थान से बाहर ही रहा। घटना को करीब 1 महीने से ज्यादा वक्त गुजरने पर कानाराम को लगा कि अब वह परिवार से मिलने जा सकता है। इसलिए वह जयपुर में परिवार से मिलने के लिए चोरी छिपे अपने घर पहुंचा। तब मानसरोवर थानाप्रभारी दिलीप सोनी के निर्देशन में स्पेशल टीम के हेडकांस्टेबल हरिओम सिंह चौधरी, कांस्टेबल श्रीनारायण, नेमीचंद, राजू व चंद्रपाल की टीम ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कानाराम के घर में दबिश दी। उसे आज गिरफ्तार कर लिया।
यह था मामला
पत्रकार अभिषेक सोनी अपनी परिचित लड़की के साथ 9 दिसंबर की रात को गोपालपुरा बाइपास पर एक ढाबे पर खाना खाने रुका था। तब बाइक सवार तीनों आरोपी भी ढाबे पर सामान खरीदने रुके। उन्होंने अभिषेक के साथ मौजूद लड़की को गलत नजरों से देखा तो अभिषेक की तीनों आरोपियों से कहासुनी हो गई। इस पर तीनों युवक बाइक लेकर वहां से चले गए। कुछ देर बाद वे वापस आए और अभिषेक सोनी पर हमला कर दिया।
ज्ञात हो कि 9 जनवरी को वरिष्ठ पत्रकार सन्नी आत्रेय राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में पीरियोडिकल प्रेस ऑफ इंडिया (पीपीआई) के तत्वावधान में शहीद स्मारक पर विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसमें पुलिस प्रशासन को एक माह में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार करने का अल्टीमेटम दिया गया था, और पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए अपने कर्तव्य का निर्वाह कर दिखाया।
जिसमें अभिषेक के सिर पर गंभीर चोटें आई। उपचार के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई। तब मानसरोवर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर पड़ताल शुरु की। सीसीटीवी फुटेज से तीन आरोपियों को नामजद किया। पहली गिरफ्तारी 17 दिसंबर को की। फिर एक बालअपचारी को निरुद्ध किया।
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