महामारी में भौतिक चिकित्सा पध्दति की अहम भूमिका

महामारी में भौतिक चिकित्सा  पध्दति की अहम भूमिका


जयपुर 7 मई। देश विदेश में कोरोना महामारी विकराल रुप ले रही है जिसमें हर गम्भीर रोगी को गहन चिकित्सा इकाई (वेंटिलेटर) की जरुरत पड़ रही हैं। राजस्थान फिजियोथेरेपिस्ट नेटवर्क के अनुभवी फिजियो डॉ रघुनंदन चौधरी जगतपुरा जयपुर से* बताते हैं कि Covid 19 गंभीर रोगियों को सांस लेने में तकलीफ (फेफड़े की मांसपेशियों में जकड़न), सीने में दर्द, तेज बुखार, सूखी खाँसी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं ,जिसमे बीमारी से उबरते समय फेफड़ो की कार्यक्षमता को बढ़ाने में चेस्ट फिजियोथेरेपी के कारगर तरीको से मरीज का इलाज कर लाभ लिया जा सकता है। श्वसन तंत्र की क्षमता को बढ़ाने के लिए चेस्ट फिजियोथेरेपी में विभिन्न प्रकार की पद्द्तियां शामिल  हैं जिसमें फेफड़ों में जमा म्यूकस को बाहर निकलने के लिए *पोस्चुरल ड्रेनेज, वाइब्रेशन थेरेपी, चेस्ट परक्यूजन* की भूमिका महत्वपूर्ण है इससे सांस लेने में आराम आता है।


स्पायरोमैट्री* के जरिए फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने के साथ *ब्रीदिंग एक्सरसाइज (डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज), सांस को धीरे अंदर बाहर छोड़ना* आदि एक्सरसाइज शामिल हैं जिससे मरीज को सांस लेने की तकलीफों से निजात संभव है।


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