परोपकार करना ही जीवन का सार-बाबा उमाकांत

 


परोपकार करना ही जीवन का सार :-
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प्रेमियों लक्ष्य बनाओ की कोई भी
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 भूखा ना सोने पावे : - बाबा उमाकान्त


 जयपुर 22 अप्रैल।वैश्विक महामारी कोरोना से जनमानस को बचाने के लिए शाकाहारी,नशामुक्त रहने का संदेश देने वाले सन्त उमाकान्त महाराज ने भक्तों से आह्वान किया कि जरूरतमंदों की सेवा करना,असहायों की सेवा करना ये बड़ी सेवा होती है ।अपने बाल-बच्चों, रिश्तेदारों, पाले हुए जानवरों की सेवा करना इसमें निजिस्वार्थ होता है और जिससे किसी का स्वार्थ ना हो, उसकी सेवा कर दो,रोटी खिला दो,पानी पिला दो, तो वो पूण्य का काम होता है, वो ज्यादा फलदायी होता है । आप जहा रहते हो आपके अगल-बगल कोई भूखा ना सोने पावे, भोजन बनाने के बाद पूछ लो जिस पर शंका है की इसके यहा नही होगा,नही खाया होगा पूछ लो और उसको खिला दो,पहले उसको ही खिला दो ।फिर आप खाओ। कमी नही पड़ेगी ।नियत अगर दुरुस्त रहेगी तो बरकत मिलेगी । सत्संगियों को बरकत मिलती है । लॉक डाउन के कारण सब अपनी-अपनी जगह रुक गये तो जो दिन में कमाते थे रात को खाते थे तो वो भुखमरी की कगार पर आ गए तो उनको रोटी खिला देना,पानी पिला देना । ये है परोपकार । परोपकार बड़ी चीज़ है परोपकार करना चाहिए । ये हैं जीवन का सार ।


लाखों असहाय और जरूरतमंदों तक पहुँचाई जा रही हैं मदद :-
राजस्थान में जारी है उदर पूर्ति अभियान :-

बाबा जयगुरुदेव संगत राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष वैध रामकरण शर्मा  और श्री नवरत्न जी काकड़े वाले ने बताया कि बाबा जयगुरुदेव धर्म विकास संस्था उज्जैन, (म.प्र) की और से पूरे देश भर में असहाय उदर पूर्ति अभियान चलाया जा रहा है। जयपुर में यह अभियान पिछले 28 दिनों से अजमेर रोड़, 200 फीट रोड़ पर बाबा जयगुरुदेव आश्रम एवं जयपुर ग्रामीण क्षेत्रों मे चलाया जा रहा है। दोनों जगह लगभग 2500 से ज्यादा भोजन के पैकेट असहाय और जरूरत को बाँटे जा रहे है।


 राजस्थान के 18 जिलों में जयपुर, अजमेर, सीकर, जोधपुर, अलवर, जालौर, झुंझुनूं, जैसलमेर, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, नागौर, बाड़मेर आदि जिलों में अब तक लगभग ढाई लाखों की संख्या में भोजन के पैकेट और सुखी रसद सामग्री और पशुओं को भी चारा खिलाया  जा रहा है। 


वरिष्ठ सलाहकार (उज्जैन आश्रम)पंडित जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि पूरे भारतवर्ष के राज्यों तेलगांना, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़िसा, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आदि में भी महाराज जी के आदेशानुसार अब तक लाखों की संख्या में असहाय एवं जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट एवं आवश्यक सूखे रसद सामग्री बांटी जा चुकी हैं और कुछ में निरन्तर बाटी जा रही है। 


*कोरोना का कारण मांसाहार*


महाराज जी ने कोरोना का कारण बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी की शुरुवात कहा से हुई चीन के वुहान से जो एक प्रान्त है । तब लोगों ने कहा पक्षियों को मारना ,पक्षियों को खाना बंद करो । क्योकि वहां के लोग सब खा जाते है  गाय, बैल, भैस, सुवर, सांप, गोजर, बिच्छू, चमगादड़ सब खा जाते थे  तो बोले बन्द करो इनकी वजह से हुआ तो बन्द कर दिया । तो अब हट गया,आराम हो गया तो फिर शुरू कर दिया । तो फिर उभर कर आ गया । तो दुनियां वालों को इससे शिक्षा लेनी चाहिए । दुनियां में जितने भी जिम्मेदार है की बन्द क्यो हुआ और फिर क्यो चालू हो गया । जीव हत्या की वजह से, वो जो हत्या हो रही है छटपटा के मर रहे है, वो उस मालिक से आवाज़ लगा रहे है दुखभरी, तो कहते है "मत सता ग़रीब को वो रो देगा और जब सुनेगा उसका मालिक जड़ से खो देगा" तो बख्शेगा ?


तुमने तो उस पर अपना अधिकार मानकर जब बीमार पड़े, दुख, मुसीबत आई तो याद किया, ख़ुदा, गॉड, भगवान को याद किया तो तुम्हारी रक्षा किया। तो वो चिल्ला रहे है तो उनकी रक्षा नहीं करेगा क्या ?। तो उनकी रक्षा आपको भी करना चाहिए वरना सज़ा मिल जाएगी । 
 महाराज जी ने कहा ये जो दुनियां पर आफ़त आई है ।कोरोना महामारी पूरे विश्व में फैल गई और कोई दवा इसकी नही मिल रही है । बहुत खोज रहे है अच्छे-अच्छे वैज्ञानिक फेल हो गए । कह रहे है कि ऐसी उम्मीद लग रही कुछ समय तक खोजे नही मिलेगी इसकी दवाई । बड़े-बड़े देशों के प्रधानमंत्री हार गए अब कह रहे है , सब उसी भगवान/ गॉड के ऊपर है और उसी का सहारा है। तुम्हारे लिए पेड़-पौधे, फलदार वृक्ष,गाय, भैस,बकरी बनाया दूध पीने के लिए । जब उसी को मारकर खा जाने लगोगे तो क्या होगा ?कोरोना की मूल जड़ मासाहार हैं। इसलिए शराब और मांस का उत्पादन बंद नहीं हुआ तो बीमारी को कोई रोक नही सकता और ये बीमारी और बढ़ती जाएगी । ये रुक नही सकती, बढेग़ी। और शराब और मांस के पैसे से कोई देश तररक्की नहीं कर सकता।
इसलिए हमारी तो यही प्रार्थना है की वातावरण दूषित मत करो।
 पूरे विश्व मे बन्द कर दी जाए जीवो का कटना। 
*गाय का कटना, बकरा-बकरी का कटना, भैस का कटना, मुर्गा का कटना, मछली का मारना, मछली का पालना, शराब की दुकान चलाना, शराब बेचना, उसकी फेक्ट्री चलाना सब बन्द हो जाये । तो देखों कुदरत से मदद मिलती है कि नही।*



सरकारी आदेशों का पूर्ण पालन करो


महाराज जी ने सभी लोगों से अपील की है की सरकार के बनाए नियमों का पालन करना चाहिए । कायदे, क़ानून जो बनाये गए है उनका उल्लंघन मत करो । नियम, संयम से रहो जिससे व्यवस्था ठीक से चले ।


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