मानव कल्याण के लिए सही जन प्रतिनिधि को चुने-उम्मेद सिंह चम्पावत


 *मानव कल्याण के लिए सही जनप्रतिनिधि को चुनें:उम्मेदसिंह चम्पावत*
राजनीति ना मेरा मकसद रहा और ना ही कभी राजनीति करने की सोच थी। जीवन में जब गरीब पिछड़े किसान मजदूर व मिडिल क्लास परिवारों को देखा तो महसूस हुआ इनके नाम पर लोग राजनीति करने वाले दौलत से अपने घर भरते रहे ओर जनता वही दीन हीन रही। 
मुझे कोई राज काज, तख़्त या ताज की चेष्टा नहीं है। मैं हर व्यक्ति की सेवा और मदद करने की कल्पना करता हूँ, हिंदू, मुस्लिम,सिख ईसाई। सभी मानव एक दूसरे के साथ भागीदारी निभाना चाहते है, एक दूसरे के साथ ख़ुशी से जीना चाहते है, ना की नफ़रत के साथ। 


 _कुदरत ने हम सभी के लिए इस चराचर जगत में एक स्थान और अथाह प्राकृतिक सम्पदा बक्शी है_
 
जिससे हम सभी एक खुशहाल और आदर्श जीवन बिता सकते है। 


लेकिन। भौतिकवादी सोच और लालसा ने मानवता की सोच का पतन कर दिया है और मानव प्रजाति को एक ग़लत राह पर धकेल दिया है, जहां नफ़रत की दिवारें और गैर प्राकृतिक विचारों का प्रचलन है। 


मशीन और टेक्नोलॉजी के आविष्कार से आज हमने तेज गति से उत्पादन करना शुरू कर दिया , लेकिन साथ ही अपने आप को लालसा का ग़ुलाम भी बना लिया है। 


अपने ज्ञान और चतुरता से हम और निराशावादी  हो गये तथा असहनशीलता और मानवता से 
परे होते गये। 


हम सोचते अधिक है, महसूस कम करते है। 


हमें *मशीन की नहीं, मानवता की जरूरत है, चातुर्य की नहीं, करुणा और मानव मूल्यों की जरूरत है।* 


ऐयरोप्लेन, इन्टरनेट, दूरदर्शन जैसे मानव आविष्कार इस बात का प्रमाण है की हम मानव एक दूसरे से जुड़ कर, प्रेम से सहभागी बन कर रहना चाहते हैं। मेरी यह बात लाखों भाइयों बहनो और बच्चों तक पहुंच रही है जो एक इस दुर्भाग्यपूर्ण प्रणाली से प्रताड़ित हैं। 
मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ की यह *नफ़रत और ज़हर 
 पीछे छूट जाएगा जब  हम हमारे मानवता के जज़्बे से इसका मुक़ाबला करेंगे*  और लोगों को पुनः आध्यात्मिक शक्ति का अहसास करा देंगे।साथियों, आप अपने आपको ऐसी विचारधारा और लोगों के हवाले मत करो जो आप को मानसिक रूप से ग़ुलाम बनाए, आप की सूझ बूझ खत्म करके, आप का शोषण करे, प्रताड़ित करे और जानवरों सा बर्ताव करे। आप एक इंसान हो, जिस के मन में प्रेम और करुणा की भावनाएँ कुदरत ने बक्शी है। हमें *नफ़रत और दमन के लिए नहीं, आज़ादी, प्रेम और मानवता के लिए जीना है* । हर ग्रंथ में लिखा है की प्राणी मात्र में ईश्वर का वास है, हम मशीन बना सकते है और उस ही तरह एक दूसरे के लिए प्रेम और सद्भाव भरी दुनिया भी। लोकतांत्रिक शक्ति का उपयोग कर के, एकजुटता से, हमें  ऐसे विश्व की कल्पना करनी चाहिए जो हर इंसान को प्रगति का समान मौक़ा दे, युवा को अच्छा भविष्य दे और बुजुर्गों को सुरक्षा। 


कई नेता झूठ के बल पर, जनता को गुमराह कर अपनी राजनीति और तानाशाही चला रहे है। हमें हमारी ताक़तों को एकजुट करना होगा। हमें एक ऐसे विश्व का निर्माण करना होगा जो *लालच, भय, भेदभाव से परे हो और जहां मानव! प्रेम, भाईचारे,सदभाव, समानता के साथ*  विज्ञान व तकनीक का इस्तेमाल करते हुए खुशहाल, शांत, सहज व सरल जीवन बिता सके।
आपका,
 *उम्मेद सिंह चम्पावत
President Ncp Rajasthan


 


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