प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता की घोषणा जल्द करे राज्य सरकार - रामपाल जाट


जयपुर/राजसमंद। आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेशभर में निकाली जा रही राष्ट्र निर्माण यात्रा शनिवार को उदयपुर पहुंची। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष रामपाल जाट ने सुबह अजमेर से यात्रा प्रारम्भ करते हुए। भीलवाड़ा,  राजसमंद, नाथद्वारा होते हुये उदयपुर पहुंची। 


आप प्रदेश अध्यक्ष रामपाल जाट, प्रदेश संगठन सचिव गिर्राज सिंह खंगारोत, अजमेर संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक, टोंक जिला अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी पिंटू, दूदू विधानसभा अध्यक्ष नानकराम खटीक, हरलाल सिंह, किसान नेता मिश्रीलाल सहित अन्य कार्यकर्ताओ ने राजसमंद में किसानों से मुलाकात की और ओलावृष्टि चौपट हुई फसलों का जायजा लिया। 70 फीसदी से अधिक फसल खराब हो गया। जो फसल ओलावर्ष्टि से प्रभावित होकर धरती पर जा टिकी वह दुबारा खड़ी नही हो सकती क्योंकि उन फसलों का तना टूट चुका। जैसे शरीर मे रीड की हड्डी का काम होता है ठीक उसी तरह फसलों में तने का काम होता है। फसलों के लिए तना रीड की हड्डी है।


प्रदेश अध्यक्ष रामपाल जाट ने किसानों से चर्चा करने के बाद प्रेस विज्ञप्ति में जहाँ की प्रदेश का किसान ना सरकार तक पहुंच पा रहा है और ना ही सरकार किसान तक पहुंच पा रही है। आलम यह है कि प्रदेश अधिकारी कार्यालय में बेठे ही नुकसान नहीं होने की बात कर रहे हैं साथ ही खानापूर्ति आफिस में बैठकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार तक भेजकर किसानों को बर्बाद कर रहे है। अधिकारी झूठी रिपोर्ट तैयार कर चेन की नींद सो रहे है और किसान अपनी फसल खराब होने की चिंता में सो नही पा रहे है।


जाट ने कहा कि आम आदमी पार्टी राजस्थान सरकार से मांग करती है कि वह ओला वर्ष्टि से प्रभावित किसानों पर तत्काल संज्ञान लेंवे और एक टास्क फोर्स तैयार कर जमीनी हकीकत का मौका मुआवना करने का आदेश देंवे साथ ही प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता की भी घोषणा फसल बीमा योजना से उपलब्ध करवाये।


प्रदेश प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने कहा कि पूरा प्रदेश ओलावर्ष्टि और बेमौसम बरसात की चपेट में आ गया है। अलवर, सीकर, झुंझनु, भरतपुर, जयपुर, उदयपुर, कोटा, टोंक सहित तमाम सभी जिलों में किसानों का भारी नुकसान हुआ है। ओलावर्ष्टि को हुए 2 दिन बीत गए किंतु अभी तक राज्य सरकार ने संज्ञान नही लिया, जिससे किसानों में हताशा और निराशा आ गई है। किसानों की बात कर राज्य की सत्ता में आई कांग्रेस ने अभी तक किसानों की कोई सुध नही ली है ना ही निर्धारित सहायता राशि की घोषणा की। ऐसे राज्य की किसान कहा जायेगा, सरकार किसानों की पीड़ा नही हरेगी तो कौन उनकी पीड़ा सुनेगा। 


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