जनता कर्फ्यू 22 मार्च को ही क्यों-प.दयानंद शास्त्री


जाने और समझें कोरोना वायरस को हराने के लिए 22 मार्च 2020 को ही क्यों रखा गया जनता कर्फ्यू ?
समझे इसका वास्तु और ज्‍योतिषय पक्ष--- प.दयानंद शास्त्री
👉🏻👉🏻
इस रविवार 22 मार्च 2020 को राहू का नक्षत्र है।
👉🏻👉🏻
22 तारीख मतलब फिर से राहू।
👉🏻👉🏻
कोई भी वायरस इन्फेक्शन का कारक भी राहू है। तो राहू से बचने के लिए घर से न निकले।
👉🏻👉🏻
वास्तु में हम windchimes या मेटल को राहू का मानते है, मतलब, मेटल की आवाज राहू की है।
👉🏻👉🏻
5 बजे मेटल, घंटी की आवाज होगी तो स्पेस में राहू मेनिफेस्ट हो जाएगा ( जैसे हम डोनेशन से ग्रह की एनर्जी channelize करते है)
तो उसके गलत प्रभाव से हमें परेशानी एवम तकलीफ कम होगी।
👉🏻👉🏻
22 मार्च 2020,रविवार को 5 बजे का ही समय क्यों रखा गया, क्योंकि उस समय राहू काल शुरू होगा।
✍🏻✍🏻🌹🌹👉🏻👉🏻👉🏻
मंगल ग्रह का मकर राशि में गोचर
22 मार्च 2020 को होगा। मकर राशि मंगल की उच्च राशि है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को साहस, पराक्रम, क्रोध, सैन्य शक्ति, जमीन एवं लाल रंग का कारक माना जाता है। यह मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। मकर राशि में मंगल ग्रह उच्च का और कर्क राशि में नीच का होता है। कोई भी ग्रह अपनी स्वराशि या उच्च राशि में होता है तो वह शक्तिशाली होता है। इसलिए मंगल ग्रह मकर राशि में बलशाली होगा और चार राशियों को यह बहुत ही अच्छे परिणाम देने वाला है।
✍🏻✍🏻🌷🌷👉🏻👉🏻
जानिए  Isolation & Quarantine का समय 14 दिन ही क्‍यों रखा गया ???


क्या आपने कभी विचार किया है कि, प्रत्येक वर्ष जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा के ठीक पहले भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमार पड़ते हैं। उन्हें बुखार एवं सर्दी हो जाती है। 


बीमारी की इस हालत में उन्हें Quarantine किया जाता है जिसे मंदिर की भाषा में अनासार कहा जाता है। 
 भगवान को 14 दिन तक एकांतवास यानी Isolation में रखा जाता है। 


 आपने ठीक पढ़ा है 14 दिन ही। Isolation की इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं एवं भगवान को जड़ीबूटियों का पानी आहार में दिया जाता है यानी Liquid diet और यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है।


अब बीसवीं सदी में पश्चिमी लोग हमें पढ़ा रहे हैं कि Isolation & Quarantine का समय 14 दिन होना चाहिए। 


वो हमें ऐसा पढ़ा सकते हैं क्योंकि हम स्वयं सोचते हैं कि हिन्‍दुस्‍तानी सभ्‍यता के रीति रिवाज अन्धविश्वास से भरा हुआ तथा अवैज्ञानिक है।


जो आज हमें पढ़ाया जा रहा है हमारे पूर्वज हजारों साल पहले से जानते थे।


 इसलिए गर्व करें अपनी सभ्यता पर और अपनी परंपराओं पर। और अपने प्राचीन वैदिक वास्तु, अंकशास्त्र तथा ज्योतिष के अद्भुत परा विज्ञान पर।


Comments

Popular posts from this blog

नाहटा की चौंकाने वाली भविष्यवाणी

नाहटा को कई संस्थाएं करेंगी सम्मानित

टी- 20 वर्ल्ड कप का विजेता भारत बन सकता है- दिलीप नाहटा