कंधा बार-बार जाम होना बिसिपिटल टेंडेनाइटिस के लक्षण
कार्यालय संवाददाता
जयपुर। हमारे शरीर के सबसे लचीले जोड़ों में से एक कंधे के जोड़ों में कई बार दर्द, सूजन या कंधा जाम होने की भी समस्या होती है और हम इसे फोजन शोल्डर की समस्या मानकर उसका उपचार लेने लगते हैं। लेकिन हर बार वह समस्या फोजन शोल्डर की ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है। कई बार यह बिसिपिटल टेंडेमाइटिस के कारण भी हो सकता है और इसका उपचार भी अलग तरह से होता है। ऐसे में बीमारी का सही डायग्रोस होना जरूरी है नहीं तो समस्या और बढ़ सकी है। मांसपेशी की सूजन से होती है समस्याः शैल्बी हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोस्कोपी सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि बिसिपिटल टेंडेनाइटिस की समस्या के कारण किसी एक मूवमेंट पर कंधे में तेज दर्द या कंधे के जाम होने की परेशानी होने लगती है। सामान्यत- इसे । फोजन शोल्डर मानकर इसकाइलाज शुरू कर दिया जाता है। जबकि ये बाइसेप्स कीमांसपेशी में सजन के कारण होती है। इस समस्या के होने आमतौर पर फोजन शोल्डर का इलाज शुरू कर 1 जाता है और कंधे का ज्यादा से ज्यादा मूवमेंट करने को कहा जाता है जिससे मरीज को परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में सामान्य कार्य करने में भी काफी मुश्किल होती है। इसीलिए मरीज का अच्छे से परीक्षण बहुत जरूरी है। मरीज से भारी वजन उठवाकर देखा जाता है यदि उसे दर्द होता है तो संभवत- उसे बिसिपिटल टेंडेनाइटिस की समस्या हो सकती है।
डॉ. अरुण सिंह ने बताया कि, बिसिपिटल टेंडेनाइटिस यूं तो लक्षण के आधार पर पहचाना जा सकता है । लेकिन इसे और पुख्ता करने के लिए इसकी एमआरआई की जांच भी । करवाई जाती है। एमआरआई जांच से बाइसेप्स के दोनों हेडस में आई सजन का पता लगाया जा सकता है। डॉ. अरुण ने बताया कि शुरूआती इलाज 1 में दवाओं से ही मरीज की सूजन को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। उसके कंधे की गतिविधि को बिल्कुल कम कर दिया जाता है और सूजन कम करवाकर कुछ एक्ससाइज के जरिए बाइसेप्स की मांसपेशियों को फिर से मजबूत किया जाता है। लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता तो मरीज की दूरबीन द्वारा सर्जरी भी की जा सकती है।
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