तीन लोगों को नई जिन्दगी दे गया हरीश
कार्यालय संवाददाता
जयपुर। 28 साल का हरीश मरने के बाद भी तीन लोगों को नई जिन्दगी दे गया। रोड एक्सीडेंट के बाद ब्रेन डेड हुए जयपुर के हरीश के परिजनों ने उसकी दोनों किडनी एवं लिवर दान करने की रजामंदी दी, जिससे तीन लोगों को नई जिन्दगी मिल सकीमरीज के लिवर को मुंबई के एक अस्पताल में भेजा गया जिसके लिए नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर से एयरपोर्ट तक एक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया। खास बात यह रही कि एक किडनी नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर व दूसरी एस.एम.एस. अस्पताल में मरीज को प्रत्यारोपित कर दी गई। सिर में गंभीर चोट के साथ मरीज हरीश राश मरने के बाद भी तीन लोगों को को 14 दिसंबर को नारायण अस्पताल लाया गया था। काफी देखभाल के बाद भी उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। नारायण मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल में न्यूरोसर्जन, क्रिटिकल केयर इंटेन्सिविस्ट और ऑर्गन डोनेशन काउंसलर की टीम ने मरीज की पत्नी श्रीमती मंजू और भाई राधेश्याम को अंग दान का महत्व समझाया जिसके बाद वें इस नेक काम के लिए सहमत हो गए। मरीज के लिवर को मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में भेजा गया। इसके लिए अस्पताल से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. माला ऐरन ने कहा कि ग्रीन कॉरिडोर से सिर्फ 13 मिनट में, लिवर को नारयणा हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक पहुंचा दिया गया। ऑर्गन प्राप्तकर्ताओं और दाता परिवार की ओर से हम डीसीपी (जयपुर ईस्ट) राहुल जैन, डीसीपी (ट्रैफिक) राहुल प्रकाश, प्रतापनगर थाना एसएचओ पुरुषोत्तम और सांगानेर थाना एसएचओ नेमीचंद को धन्यवाद देते हैं जिनके सहायोग से ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था आसानी से की जा सकी। हरीश की दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट जयपुर में ही हुआ। हरीश की एक किडनी नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर में अंतिम चरण किडनी फेलियर से पीड़ित 39 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित की गई एवं दूसरी किडनी एस.एम.एस. हॉस्पिटल, जयपुर भेजी गई। डॉ. माला ने बताया कि हमारी क्रिटिकल केयर टीम द्वारा हरीश की गहनता से निगरानी की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि ब्रेन डेड के बाद भी उसके अंग ठीक से काम कर रहे हैं और ट्रांसप्लांट होने के लिए फिट हैं।
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