वे यादें अनमोल -- अशोक शर्मा
वे यादें अनमोल -- अशोक शर्मा चार दिना दा प्यार ओ रब्बा,बड़ी लम्बी जुदाई गायिका रेशमा जी की 3 नवम्बर को पुण्य तिथि है। अजमेर । उसे पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 1982 में प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस अवार्ड से नवाजा, उसे 2008 में पाकिस्तान सरकार द्वारा सितारा-ए-इम्तियाज से नवाजा गया। वह मात्र लोक गायिका थीं लेकिन उसे पाकिस्तान का यह तीसरा सबसे बड़ा सम्मान प्रदान किया गया। "मेरा नसीब देखिये कि मेरा जन्म बीकानेर के रतनगढ़ में हुआ था लेकिन मेरी सरजमीं पाकिस्तान बनी। बावजूद खुदा से दुआ है कि मेरा अगला जन्म भारत में हो।" यह कहना था अपने जमाने की *मशहूर लोक और फिल्मी गीत गायिका रेशमा का।* 3 नवम्बर 2013 को कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई। वे 1984 में अजमेर आई थीं। तब वे कैंसर से पीड़ित थीं और ख़्वाजा साहब से दुआ मांगने आई थीं कि वे उन्हें चंद सांसें और जीने दें। उन्होंने कहा कि मै मूलतः कबीला जनजाति से ताल्लुक रखती हूं। मेरे पिता घोड़ों और ऊंट के कारोबारी थे। बाद में हमारा कबीला कराची आ गया और यहीं हमने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। मै श्रीमती इंदिरा गांधी से बहुत ज्यादा इम